Vinesh Phogat in Paris Olympic 2024

Paris 2024 Olympic : अमेरिका और चीन के मुकाबले भारत बेहद कमजोर नहीं जीत पाया एक भी गोल्ड मेडल।

Paris 2024 Olympic: ओलंपिक खेलों का मंच विश्व भर के देशों के लिए अपनी खेल शक्ति और प्रतिभा को प्रदर्शित करने का सबसे बड़ा मंच होता है। पेरिस ओलंपिक 2024 ने एक बार फिर दुनिया की दो सबसे बड़ी खेल महाशक्तियों, अमेरिका ने 40 गोल्ड और चीन ने 40 गोल्ड जीत कर अपना दबदबा कायम किया। तो वहीं भारत को इस साल पेरिस ओलिंपिक 2024 में भी कोई गोल्ड मैडल नहीं मिला। भारत ने इस साल पेरिस ओलिंपिक 2024 में महज 6 ब्रॉन्ज़ मैडल और एक सिल्वर ही जीत पाए। ओलिंपिक जैसे विश्वस्तरीय खेलो में किसी भी देश के खेल के क्षेत्र में उपलब्धि प्राप्त करने और विश्व के पटल पर अपना प्रभाव ज़माने का अच्छा मौका हटा है लेकिन भरता खेल के क्षेत्र में इतना पीछे क्यों ये सवाल तो अप्प को भी परेशान करता ही होगा। लेकिन जब हम इन तीन देशों की ओलंपिक प्रदर्शन की तुलना करते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि भारत अभी भी अमेरिका और चीन से काफी पीछे है।

Medal in Paris Olympic 2024 India Vs China Vs America

RankCountryGoldSilverBronzeTotal
1United States of America404442126
2People’s Republic of China40272491
3Japan20121345
4Australia18191653
5France16262264
6Netherlands1571234
7Great Britain14222965
8Republic of Korea1391032
9Italy12131540
10Germany1213833
India0156

भारत की पेरिस ओलंपिक में उपलब्धियाँ

पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत ने कुल मिलाकर कुछ उत्कृष्ट प्रदर्शन दिए, विशेष रूप से कुछ खेलों में जहाँ भारत ने ऐतिहासिक Medals जीते। नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक (Javelin Throw) में सिल्वर पदक (Gold Medal) जीतकर इतिहास रचा। इस साल कुश्ती (Wrestling) में गोल्ड मैडल आने की उम्मीद थी लेकिन विनेश फोगट की 100 ग्राम वजन ज्यादा होने की वजह IOC ने उनकी दावेदारी कैंसिल कर दी थी जिस वजह से इस साल भी कुश्ती में गोल्ड नहीं मिल सका, बल्कि भारत को ब्रॉन्ज़ मैडल में ही सांतोस करना पड़ा।

अमेरिका की पेरिस ओलंपिक में उपलब्धियाँ

अमेरिका, जो ओलंपिक खेलों में सबसे सफल देशों में से एक है, ने पेरिस ओलंपिक में एक बार फिर से अपना दबदबा कायम रखा। अमेरिका ने कुल मिलाकर 100 से अधिक Medals जीते, जिनमें से 40 से अधिक स्वर्ण पदक थे। तैराकी (Swimming), एथलेटिक्स (Athletics), और जिम्नास्टिक (Gymnastics) में अमेरिकी खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और अपने देश के लिए कई स्वर्ण पदक जीते। इसके अलावा, अमेरिकी टीम ने बास्केटबॉल (Basketball) और वॉलीबॉल (Volleyball) जैसी टीम खेलों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

चीन की पेरिस ओलंपिक में उपलब्धियाँ

चीन ने भी पेरिस ओलंपिक में अपनी खेल शक्ति का प्रदर्शन किया और लगभग 90 Medals जीते, जिनमें 35 से अधिक स्वर्ण पदक शामिल थे। तैराकी, बैडमिंटन, टेबल टेनिस (Table Tennis), और जिम्नास्टिक में चीन का प्रदर्शन शानदार रहा। चीनी एथलीट्स ने दुनिया को यह दिखाया कि वे लगातार शीर्ष स्तर के खिलाड़ियों का उत्पादन कर सकते हैं। चीन की रणनीति और उनके खेलों में दी गई प्राथमिकता ने उन्हें ओलंपिक में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाला देश बना दिया है।

भारत की तुलना में अमेरिका और चीन की बढ़त

जब हम अमेरिका और चीन की उपलब्धियों की तुलना भारत से करते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि भारत अभी भी ओलंपिक खेलों में बहुत पीछे है। इसका मुख्य कारण इन देशों में खेलों को दी जाने वाली प्राथमिकता, संसाधन, और प्रशिक्षण की गुणवत्ता है।

  1. संसाधन और इंफ्रास्ट्रक्चर: अमेरिका और चीन के पास उन्नत खेल इंफ्रास्ट्रक्चर है, जो एथलीट्स को उच्चतम स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करता है। भारत में अभी भी खेल सुविधाओं की कमी है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां से कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी आते हैं।
  2. खिलाड़ियों की संख्या: अमेरिका और चीन के मुकाबले, भारत में ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करने वाले खिलाड़ियों की संख्या कम है। इससे Medal जीतने के अवसर भी सीमित हो जाते हैं।
  3. प्रशिक्षण और तकनीकी ज्ञान: अमेरिका और चीन के खिलाड़ी विश्वस्तरीय कोचों और अत्याधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण का लाभ उठाते हैं। भारत में प्रशिक्षण की सुविधाएं और तकनीकी ज्ञान की कमी अभी भी एक बड़ी चुनौती है।
  4. खेलों में निवेश: अमेरिका और चीन खेलों में भारी निवेश करते हैं। उनके पास बड़े पैमाने पर खेल संघ और समितियां हैं जो खिलाड़ियों को हर संभव सहायता प्रदान करती हैं। भारत में खेलों में निवेश की कमी और सरकारी नीतियों में निरंतरता का अभाव भी एक प्रमुख कारण है।

भारत के लिए भविष्य की राह

भारत ने पिछले कुछ वर्षों में खेलों में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, लेकिन ओलंपिक स्तर पर अमेरिका और चीन जैसी महाशक्तियों के मुकाबले आने के लिए अभी और भी बहुत कुछ करना बाकी है। खेल इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास, खिलाड़ियों के लिए उच्च गुणवत्ता वाला प्रशिक्षण, और खेलों में अधिक निवेश भारत को ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद कर सकते हैं।

इसके अलावा, खेलों के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण में भी बदलाव की जरूरत है। खेल को केवल मनोरंजन या करियर का साधन नहीं, बल्कि राष्ट्र की पहचान और गौरव का हिस्सा माना जाना चाहिए। अगर भारत इस दिशा में काम करता है, तो वह दिन दूर नहीं जब भारत भी अमेरिका और चीन जैसी ओलंपिक महाशक्ति बन सकेगा।

निष्कर्ष

पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत ने महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल कीं, लेकिन अमेरिका और चीन जैसे देशों से तुलना करने पर यह स्पष्ट हो जाता है कि भारत को ओलंपिक खेलों में और भी बेहतर प्रदर्शन करने के लिए कई सुधार करने की आवश्यकता है। खेलों में अधिक निवेश, प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार, और खेल संस्कृति को बढ़ावा देना भारत को ओलंपिक में अधिक Medals जीतने और अपनी वैश्विक स्थिति को मजबूत करने में मदद कर सकता है।

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