NEET 2026: नीट की तैयारी कैसे करें | टॉपर्स की Strategy

NEET ki taiyari kaise kare? NEET 2026 की तैयारी कैसे करें? जानें टॉपर्स की रणनीति, बेस्ट कोचिंग, किताबें, टिप्स और हर सवाल का जवाब हिंदी में।

NEET क्या है और इसकी परीक्षा कैसे होती है?

NEET Preparation In Hindi 2026: नीट भारत का सबसे बड़ा नेशनल लेवल का मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम है, जिसे नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के द्वारा देश भर में सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में विभिन्न मेडिकल कोर्सेज जैसे कि MBBS /BDS/ BAMS में एडमिशन के लिए आयोजित करवाया जाता है। मेडिकल फील्ड में ग्रेजुएशन करने के लिए NEET UG और पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए NEET PG एंट्रेंस एग्जाम आयोजित होती है। MBBS, BDS जैसे टॉप लेवल की मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन लेने के लिए NEET UG की तैयारी कैसे करनी चाहिए, टॉपर की क्या स्ट्रेटजी होती है, तैयारी कब करना सही रहता है और हर रोज कितने घंटे की पढ़ाई करनी होती है, अगर साथ में यह भी बताएंगे कि टॉपर्स कौन से स्टडी मैटेरियल्स और बुक्स का इस्तेमाल करते हैं। जो लोग खुद से घर पर बैठकर नीट की तैयारी करना चाहते हैं, उनके लिए स्ट्रेटजी क्या होनी चाहिए? और नीट की तैयारी के लिए कोचिंग करनी चाहिए या नहीं करनी चाहिए? नीट की तैयारी के लिए कोचिंग ऑनलाइन करना सही रहेगा या ऑफलाइन? क्या नीट परीक्षा कठिन होती है? इसे एवरेज स्टूडेंट निकाल सकते हैं या नहीं? neet karne ke liye kya kare

इन सब तरह के प्रश्नों के उत्तर एक पोस्ट में मिलेंगे, तो इस पोस्ट को पूरा पढ़िए।

क्या NEET कठिन होता है? | NEET Ka Exam Kaise Hota hai.

नीट परीक्षा को लेकर बहुत सारे लोगों के मन में कन्फ्यूजन रहता है कि क्या नीट की परीक्षा सबसे टफ होती है? क्या इसे क्रैक करना बहुत ही मुश्किल है? क्या नीट की एग्जाम को केवल बहुत ही इंटेलिजेंट बच्चे ही क्रैक कर सकते हैं?

तो हम आपको बता दें ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। यह बस एक भ्रम है कि बहुत इंटेलिजेंट बच्चे ही नीट का एग्जाम क्रैक करते हैं। नीट का एग्जाम कोई भी बच्चा क्रैक कर सकता है, जो पढ़ाई में मन लगाकर और अपने टीचर्स के दिए गए टिप्स और लेक्चर को सीरियसली फॉलो करता है, और अपने लक्ष्य के प्रति डेडिकेटेड रहता है। वह एग्जाम को आसानी से क्रैक कर सकता है।

नीट का अगर सिलेबस देखें तो इसके क्वेश्चंस क्लास 11वीं और 12वीं की NCERT टेक्स्टबुक्स के फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी सब्जेक्ट्स से पूछे जाते हैं। इसके साथ-साथ 9वीं और 10वीं के साइंस में भी अच्छी पकड़ होनी चाहिए। क्वेश्चंस में फंडामेंटल और कॉन्सेप्चुअल डिस्कशन ज्यादा पूछे जाते हैं। यह कोई ऐसी परीक्षा नहीं है जिसे क्रैक नहीं किया जा सकता।

नीट का एग्जाम देने वाले स्टूडेंट्स को एक और बेनिफिट मिलता है इस एग्जाम को देने के लिए कोई Attempt Limit निर्धारित नहीं होती है, जिससे कि स्टूडेंट्स दो से तीन या चार बार तक भी इस एग्जाम को दे सकते हैं।

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एक बात हमेशा ध्यान रखनी चाहिए कि लगातार पढ़ते रहने से क्वेश्चंस को सॉल्व करने की और कॉन्सेप्ट को समझने की क्षमता बढ़ती रहती है, जो एक न एक दिन आपको सफलता तक जरूर पहुंचा देगी। और यदि डॉक्टर बनने का सपना है, तो वह सपना जरूर पूरा हो सकता है।

तो, नीट की परीक्षा कठिन एग्जाम में नहीं आती है। अगर कोई सीरियस कैंडिडेट इस एग्जाम की तैयारी करे, तो उसके लिए कुछ भी मुश्किल नहीं होता।

“जिनके सपनों में उड़ान होती है, वे रास्ते की मुश्किलो से रास्ता नहीं बदलते।”

NEET 2026 की तैयारी कैसे करें? जानिए टॉपर्स की रणनीति

NEET Ki Taiyari Kaise Kare?, यह एक बड़ा सवाल है क्योंकि नीट की तैयारी करने के लिए कई सारे स्टेज होते हैं। यह निर्भर करता है कि जो स्टूडेंट नीट की तैयारी करना चाहते हैं, वे किस स्टेज पर हैं. क्या वे 12वीं पास कर चुके हैं, या वे फाउंडेशन कोर्स जैसे कि 9वीं या 10वीं से अपनी प्रिपरेशन शुरू करना चाहते हैं, या फिर 11वीं से ही फाउंडेशन कोर्स के साथ अपनी बोर्ड और नीट प्रिपरेशन दोनों एक साथ करना चाहते हैं।

नीट की तैयारी कई सारे स्टेज में होती है, जिसमें ज़्यादातर बच्चे 12वीं पास करने के बाद नीट की तैयारी शुरू करते हैं, वहीं कुछ बच्चे जिनका पहले से अच्छा गाइडेंस होता है, वे इस परीक्षा की तैयारी 11वीं क्लास से ही शुरू कर देते हैं। क्योंकि 11वीं और 12वीं — ये दो साल लगातार बोर्ड के साथ एक जैसा सिलेबस होता है, जो बोर्ड एग्जाम में आता है वही नीट एग्जाम में भी पूछा जाता है। इस स्थिति में उन्हें दो साल तैयारी का मौका मिल जाता है और साथ ही उनकी बोर्ड एग्जाम के लिए भी कॉन्सेप्ट और फंडामेंटल्स सही से डेवलप हो जाते हैं।

वहीं कुछ बच्चों के केस में, जिनके पेरेंट्स शुरू से ही तय कर चुके होते हैं कि उनके बच्चे डॉक्टर बनेंगे, वे काफी शुरुआती दौर से ही — जैसे 6वीं, 7वीं या 9वीं-10वीं से ही बच्चों को स्कूल के साथ-साथ कॉम्पिटेटिव एग्जाम की प्रिपरेशन शुरू करवा देते हैं। इस तरह के प्रोग्राम बड़े कोचिंग इंस्टिट्यूट्स जैसे कि Allen और Aakash करवाते हैं।

जो बच्चे अपने स्कूल के साथ-साथ ही कॉम्पिटेटिव एग्जाम की तैयारी बहुत ही शुरुआती दौर में शुरू कर देते हैं, वे हमेशा ही नीट जैसे कॉम्पिटेटिव एग्जाम के सवालों को सॉल्व करने में बाकी बच्चों की तुलना में आगे होते हैं। किसी परीक्षा में जितनी जल्दी और जितने अधिक प्रश्नों के उत्तर कोई बच्चा दे पाता है, उसकी सफल होने की चांसेस उतनी ही ज्यादा होती हैं।

नीट परीक्षा की सही रूप से तैयारी करने में लगभग 2 से 3 साल का वक्त अच्छा होता है, क्योंकि इसमें पूरे सिलेबस को ठीक से पढ़ने और उनके क्वेश्चंस को स्पीड के साथ सॉल्व करने की क्षमता बच्चों में विकसित हो जाती है। इसलिए 11वीं से इस एग्जाम की प्रिपरेशन करना बेस्ट माना जाता है। जबकि अगर सुविधा हो तो 9वीं से ही फाउंडेशन कोर्स के साथ नीट की प्रिपरेशन शुरू करवा देनी चाहिए।

लेकिन जो बच्चे 12वीं पास करने के बाद नीट एग्जाम की तैयारी शुरू करना चाहते हैं, उनके मन में यह सवाल जरूर आता होगा कि क्या 12वीं के बाद इस एग्जाम को क्लियर करना आसान होगा? क्या सेलेक्शन हो पाएगा या नहीं?

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तो इस केस में 12वीं पास आउट बच्चों के मन में डाउट्स आना स्वाभाविक है, क्योंकि यह एक ऐसा एग्जाम है जिसमें हर साल 23 से 24 लाख बच्चे एग्जाम देते हैं, और पूरे देश भर में सरकारी और प्राइवेट को मिलाकर केवल 10,8000 MBBS सीटें उपलब्ध होती हैं। ऐसे में अपने आप का एनालिसिस करना काफी महत्वपूर्ण होता है।

तो चलिए देखते हैं आगे कि 12वीं पास करने के बाद नीट की तैयारी किस प्रकार से की जाए, ताकि डॉक्टर बनने का सपना साकार हो सके, और इस परीक्षा की तैयारी में कम से कम कितना वक्त लग सकता है।

NEET की तैयारी कैसे शुरू करें?

डॉक्टर बनने के लिए नीट एग्जाम पास करना जरूरी होता है, तो सवाल यह है कि नीट की तैयारी शुरू करने का सही समय क्या है? कब से नीट की तैयारी शुरू करें ताकि सिलेक्शन आसान हो जाए?

तो चलिए आपको बताते हैं कि नीट की तैयारी करने के लिए सबसे बेहतर टाइम कब होता है, जब स्टूडेंट्स को उनके स्कूल के साथ-साथ कॉम्पिटेटिव एग्जाम की भी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।

नीट की तैयारी करवाने के लिए सबसे बेहतरीन समय होता है क्लास 10वीं पास होने के बाद, जब बच्चे साइंस स्ट्रीम चुनते हैं। तभी उन्हें 11वीं क्लास से ही अपने करियर के बारे में डिसाइड कर लेना चाहिए कि वे क्या बनना चाहते हैं — डॉक्टर, इंजीनियर या किसी और प्रोफेशन में जाना है।

ऐसा करने के बाद ही उन्हें अपने कॉम्पिटेटिव एग्जाम की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। अगर बच्चों का डिसीजन या उनके पेरेंट्स का निर्णय यह होता है कि उन्हें मेडिकल लाइन में अपना करियर बनाना है, तो स्वाभाविक तौर पर उन्हें नीट जैसे मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी 11वीं में एडमिशन होते ही शुरू कर देनी चाहिए, जिससे सभी विषयों के टॉपिक्स और चैप्टर्स पर सही से कमांड हो सके और कॉन्सेप्चुअल क्लैरिटी डेवलप हो सके — जो एग्जाम में सवालों को तेजी से हल करने में मदद करेगा।

ज़्यादातर स्टूडेंट्स 10वीं पास होने के बाद ही यह डिसाइड कर लेते हैं कि उन्हें इंजीनियरिंग में जाना है या मेडिकल लाइन में। इसी के अनुसार वे साइंस स्ट्रीम में विषयों का चयन करते हैं, जिसमें:

  • इंजीनियरिंग के क्षेत्र में जाने वाले स्टूडेंट्स फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स चुनते हैं,
  • जबकि मेडिकल के क्षेत्र में करियर बनाने वाले छात्र फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी जैसे विषयों का चयन करते हैं।

10वीं के बाद ही अपने लक्ष्य को स्पष्ट रूप से तय कर लेना सबसे अच्छा निर्णय होता है, जिससे आप बाकी बच्चों की तुलना में तैयारी में आगे की कतार में खड़े होंगे।

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12वीं के बाद NEET की तैयारी कैसे करें |12 Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare ?

12वीं पास करने के बाद समय की कमी होती है, क्योंकि ज़्यादातर स्टूडेंट्स एक ही साल में नीट क्रैक करके मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने की सोचते हैं। ऐसा करना बिल्कुल गलत नहीं है, लेकिन अपनी प्रिपरेशन लेवल को ध्यान में रखते हुए यह डिसाइड करना चाहिए कि Neet Ki Taiyari Kab Se Kare. नीट की तैयारी के लिए 1 साल की स्ट्रैटेजी बनानी है या 2 साल की।

अगर आपने 11वीं और 12वीं में सिर्फ बोर्ड की तैयारी की है और कॉम्पिटिटिव एग्ज़ाम की कोई तैयारी नहीं की है, तो ऐसी स्थिति में 12वीं पास करने के बाद 2 साल की तैयारी करना सबसे बेहतर रणनीति होती है। इसमें नीट सिलेबस को फिर से गहराई से पढ़ने, समझने और स्पीड के साथ सवालों को सॉल्व करने की क्षमता डेवलप हो जाती है।

जबकि 1 साल की प्रिपरेशन स्ट्रैटेजी में तैयारी काफ़ी तनावपूर्ण होती है, जिसमें पूरे कोर्स को कवर करना, साथ ही सेल्फ स्टडी, प्रीवियस ईयर क्वेश्चन्स को हल करना, एक बड़ी चुनौती होता है। 8 से 10 महीने की तैयारी में नीट का पूरा कोर्स अच्छे से पढ़ पाना बहुत ही मुश्किल होता है।

ऐसे में जो स्टूडेंट्स 12वीं पास करने के बाद नीट की तैयारी शुरू करना चाहते हैं, उनके लिए यही सुझाव सबसे अच्छा है कि वे कम से कम 2 साल का समय लेकर चलें, ताकि वे बेहतर परफॉर्मेंस दे सकें।

वहीं, वे स्टूडेंट्स जिन्होंने 11वीं और 12वीं के साथ ही नीट की तैयारी शुरू कर दी थी, और जिनके बेसिक और फंडामेंटल्स पहले से अच्छे से तैयार हैं, लेकिन किसी कारणवश उनका फाइनल सिलेक्शन नहीं हो पाया — तो ऐसे स्टूडेंट्स 1 साल की स्ट्रैटेजी के साथ भी आराम से तैयारी कर सकते हैं। एक साल की तैयारी में अगर वे प्रतिदिन 8 से 10 घंटे की स्टडी करें, तो नीट को आसानी से क्रैक किया जा सकता है।

तो यह पूरी तरह निर्भर करता है कि स्टूडेंट की अपने सब्जेक्ट पर पकड़ कैसी है, वह नीट में पूछे जाने वाले सवालों को लेकर कितना कंफ़र्टेबल है और उन्हें कितनी आसानी से सॉल्व कर पाता है।

एक ऐसा स्टूडेंट जो पढ़ाई में औसत है, उसके लिए नीट की तैयारी में कम से कम 2 से 3 साल का समय ज़रूर लगता है। इसलिए स्टूडेंट्स को ओवर कॉन्फिडेंस में आकर या किसी के दबाव में आकर फैसला नहीं लेना चाहिए। रियलिटी को देखकर, अपनी स्ट्रेंथ और वीकनेस का एनालिसिस करके ही तैयारी का निर्णय लेना सबसे समझदारी भरा कदम होगा।

नीट की तैयारी शुरू करने के लिए सबसे पहले कौन-सी बुक पढ़नी चाहिए और तैयारी कहां से शुरू करें? इस केस में स्टूडेंट्स को अपनी तैयारी की शुरुआत इस तरह करनी चाहिए:

सबसे पहले एक महीने में 9वीं और 10वीं की साइंस की एनसीईआरटी किताबों को पढ़कर उनके नोट्स तैयार कर लेने चाहिए, खासकर बायोलॉजी की किताब को अच्छे से पढ़कर, रिवाइज करके एक पतली सी नोटबुक में इंपॉर्टेंट पॉइंट्स नोट कर लेने चाहिए।

इसके बाद 11वीं और 12वीं की एनसीईआरटी फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी की किताबों को अगले 2-3 महीनों के अंदर पढ़कर खत्म करना चाहिए, और उनके महत्वपूर्ण बिंदुओं के नोट्स बना लेने चाहिए। लगभग 3-4 महीने में एनसीईआरटी के बेस पर सभी मुख्य विषयों पर (बायोलॉजी, फिजिक्स, केमिस्ट्री) कमांड बनानी चाहिए। इसके बाद एडवांस बुक्स या कोचिंग द्वारा दिए गए स्टडी मटेरियल से पढ़ाई शुरू करें।

अगर आप कोचिंग कर रहे हैं, तो अपने टीचर्स के द्वारा दिए गए लेक्चर्स, मॉड्यूल्स और क्वेश्चन बुकलेट्स को सॉल्व करें। साथ ही, विगत वर्षों में आए नीट के प्रश्नों को इंटरनेट से डाउनलोड करके हल करते रहें — इससे आपको समझ आता रहेगा कि रियल एग्जाम में किस तरह के प्रश्न पूछे जाते हैं।

खासकर जब आप 12वीं के बाद नीट की तैयारी कर रहे हैं, तो कोचिंग की मदद लेना फायदेमंद होता है, क्योंकि आपको गाइडेंस और स्टडी मटेरियल आसानी से मिल जाते हैं और आप सिर्फ पढ़ाई पर फोकस कर सकते हैं।

हालाँकि, सेल्फ-स्टडी से भी नीट में सिलेक्शन लिया जा सकता है, लेकिन यह थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो जाता है क्योंकि उसमें स्टडी मटेरियल और टीचर की गाइडेंस की कमी तैयारी को प्रभावित कर सकती है।

नीट प्रिपरेशन करने वाले स्टूडेंट्स को अपने कोचिंग इंस्टिट्यूट द्वारा दिए गए स्टडी मटेरियल्स, टीचर्स के नोट्स और लेक्चर्स को ठीक से पढ़ें, सवालों को हल करें, और समय-समय पर मॉक टेस्ट देते रहें। इससे न केवल उनकी तैयारी का एनालिसिस होता रहेगा, बल्कि यह भी समझ आता रहेगा कि: किन टॉपिक्स और चैप्टर्स पर ज्यादा फोकस करना है,

और किन विषयों की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। सही एनालिसिस से ही एग्जाम में अपने स्कोर को मैक्सिमाइज किया जा सकता है। इसलिए स्टूडेंट्स को मॉक टेस्ट ज़रूर देने चाहिए, क्योंकि ये उनकी स्ट्रेंथ और वीकनेस को दिखाते हैं।

NEET के लिए कोचिंग करें या सेल्फ स्टडी

बहुत सारे बच्चों का यह सवाल होता है, क्योंकि शायद उनके पास फाइनेंशियल प्रॉब्लम होती है कि वे बड़ी-बड़ी कोचिंग इंस्टिट्यूट की फीस अफ़ोर्ड नहीं कर सकते और किसी बड़े शहर में जाकर रहना, खाना और रेंट के पैसे भी वहन नहीं कर सकते। ऐसे केस में उनका सवाल होता है कि क्या घर पर रहकर सेल्फ स्टडी करके नीट एग्जाम को क्रैक किया जा सकता है? तो इसका उत्तर है — बिलकुल।

NEET ki taiyari kaise kare ghar par

नीट एग्जाम को घर पर रहकर बड़े ही आराम से क्रैक किया जा सकता है, बस इसमें खुद पर काबू रखने की जिम्मेदारी स्टूडेंट की होनी चाहिए। आज के टाइम पर, जहां डिजिटल की दुनिया चल रही है, वहां कुछ भी नामुमकिन नहीं है। आज टेक्नोलॉजी के दम पर अच्छे टीचर्स, उनका गाइडेंस, लेक्चर्स और ढेर सारे स्टडी मैटेरियल्स ऑनलाइन उपलब्ध हैं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स, खासकर यूट्यूब पर, बहुत कुछ फ्री में उपलब्ध है।

वहीं छोटी से बड़ी कोचिंग इंस्टिट्यूट भी अच्छे स्टडी मैटेरियल्स और टीचर्स के लेक्चर अपने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बहुत ही कम फीस में उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसकी फीस पूरे साल भर की लगभग ₹1500 से ₹3000 के बीच होती है।

इसलिए नीट की तैयारी करने के लिए अब बड़े शहरों में जाकर भारी-भरकम रेंट और ऑफलाइन कोचिंग सेंटर्स की फीस भरने की जरूरत नहीं है।

कम पैसे में, अपने घर पर रहकर भी नीट की तैयारी की जा सकती है। जो स्टूडेंट घर पर रहकर नीट की तैयारी करने की सोच रहे हैं, उन्हें इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि डिसिप्लिन और कंसिस्टेंसी जैसी चीजें बहुत मायने रखती हैं। जब आप घर पर रहकर पढ़ाई करते हैं, तो घर के कार्यों और उत्सव जैसे पार्टी, शादी-विवाह आदि में ज़्यादा शामिल न हों।

अपनी पढ़ाई को लेकर हमेशा सीरियस रहें और अपने परिवार की गतिविधियों और चीजों से खुद को थोड़ा अलग रखें — तभी आप अपनी तैयारी को सही ढंग और दिशा में कर पाएंगे। डिस्ट्रैक्शन से बचने के लिए सारे इंतजाम आपको खुद ही करने पड़ेंगे।

रिलेटिव्स और आस-पड़ोस के लोगों के टच में ना रहें, बल्कि उन्हें अवॉइड करके अपने आप को जितना अकेला रख सकते हैं, उतना ज्यादा अपने स्टडी पर फोकस कर पाएंगे। सेल्फ स्टडी करना सबसे बेहतर प्रिपरेशन मानी जाती है, लेकिन इसके लिए अनुशासन भी उतना ही ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।

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NEET Ke Liye Best Coaching: Online Vs Offline

नीट की तैयारी ऑनलाइन मोड में करें या ऑफलाइन मोड में — यह स्टूडेंट की परिस्थिति पर निर्भर करता है।

अगर स्टूडेंट नीट की तैयारी के लिए आने वाले खर्च को वहन कर सकते हैं, तो ऑफलाइन मोड में तैयारी करना सबसे बेहतरीन विकल्प होता है। क्योंकि इसमें स्टूडेंट कोचिंग इंस्टिट्यूट जाकर क्लासरूम में लेक्चर अटेंड करते हैं, फिर घर आकर मॉड्यूल के क्वेश्चन सॉल्व करते हैं और अपने डाउट्स अपने टीचर्स से पूछ सकते हैं। इस मोड में डिस्ट्रैक्शन और टाइम मैनेजमेंट की दिक्कतें खुद-ब-खुद कम हो जाती हैं क्योंकि ऑफलाइन कोचिंग में रोज़ाना समय पर क्लास अटेंड करना, घर आना और होमवर्क पूरा करना एक रूटीन में ऑटोमैटिकली सेट हो जाता है।

जबकि ऑनलाइन मोड में सबसे बड़ी चुनौती होती है — डिसिप्लिन और टाइम मैनेजमेंट। ऑनलाइन मोड में भी अच्छे टीचर्स के वीडियो लेक्चर घर बैठे अटेंड किए जा सकते हैं, लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत ये होती है कि स्टूडेंट्स अक्सर वीडियो लेक्चर को स्किप कर देते हैं या यह सोचते हैं कि “बाद में देख लेंगे” — और इसी सोच के चलते वे अपने रूटीन से भटक जाते हैं।

ऑनलाइन मोड में उतार-चढ़ाव (fluctuations) ज्यादा होते हैं और स्टूडेंट्स कभी-कभी तैयारी को हल्के में लेने लगते हैं, जिससे उन्हें बाद में भारी नुकसान उठाना पड़ता है। नीट एक कॉम्पिटिटिव एग्जाम है जिसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। वैसे भी, करियर को लेकर किसी भी स्टूडेंट को निर्णय जल्दबाज़ी में या लापरवाही से नहीं लेना चाहिए — क्योंकि एक निर्णय उनके पूरे जीवन को प्रभावित कर सकता है।

अगर क्वालिटी एजुकेशन की बात करें तो, आज के समय में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में अच्छे लेक्चरर्स और स्टडी मैटेरियल्स उपलब्ध हैं। लेकिन टाइम मैनेजमेंट का मुद्दा ऑनलाइन मोड में अधिक गंभीर हो जाता है। ऐसे छात्र जो ऑफलाइन कोचिंग की महंगी फीस, रेंट, ट्रैवल आदि खर्च वहन नहीं कर सकते — उनके लिए ऑनलाइन मोड एक बढ़िया विकल्प बन सकता है।

ऑनलाइन मोड से तैयारी करने के कुछ और भी फायदे हैं — जैसे आने-जाने में समय की बचत, भीड़-भाड़ और बाहरी डिस्टर्बेंस से दूरी, जिससे फोकस बना रहता है। अगर छात्र अपने टाइम मैनेजमेंट और अनुशासन को सही तरीके से संभाल पाते हैं, तो ऑनलाइन मोड में भी नीट की प्रिपरेशन बेहतरीन मानी जा सकती है।

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NEET Ki Taiyari Kaha Se Kare ?

नीट की तैयारी के लिए सबसे बेस्ट कोचिंग कौन है? तो चलिए आपको बताते हैं कि ऑनलाइन मोड में और ऑफलाइन मोड में तैयारी करने के लिए सबसे बेस्ट कोचिंग इंस्टीट्यूट कौन सी है।

ऑफलाइन मोड की तैयारी के लिए

सबसे पहले बात कर लेते हैं ऑफलाइन मोड में तैयारी करने की। अगर आप ऑफलाइन मोड में तैयारी करना चाहते हैं, तो इसके लिए बेस्ट कोचिंग इंस्टिट्यूट को चुनना सबसे अधिक जरूरी हो जाता है, क्योंकि बड़ी कोचिंग इंस्टिट्यूट्स टीचर्स को मोटे पैसे देती हैं, जिसकी वजह से वे अच्छे और टैलेंटेड टीचर्स को अपने फैकल्टी के रूप में रखने में कामयाब रहती हैं।

जैसे कि एलेन, आकाश, मोशन, फिजिक्स वाला और अनअकैडमी — ये आज की टाइम में नीट और इंजीनियरिंग की प्रिपरेशन के लिए बड़े एडटेक में शुमार हैं। वहीं दूसरी तरफ ऑफलाइन मोड की तैयारी के लिए, राजस्थान के मोस्ट पॉपुलर शहर कोटा और उत्तर प्रदेश में कानपुर, बिहार में पटना टॉप पर आते हैं।
ऑफलाइन मोड में तैयारी करने के लिए कोटा सबसे बेस्ट जगह मानी जाती है, जहां पर ढेर सारे कोचिंग इंस्टिट्यूट और अच्छे टीचरों से पढ़ने के बेहतर अवसर उपलब्ध होते हैं। कई सालों से यह शहर मेडिकल और इंजीनियरिंग के एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी के लिए हब बना हुआ है।

ऑनलाइन मोड की तैयारी के लिए

अगर बात करें ऑनलाइन मोड में तैयारी करने की, तो इसमें फिजिक्स वाला — जिसके फाउंडर अलख पांडे हैं — सबसे बेस्ट कोचिंग के तौर पर पिछले कई सालों में आई है।
फिजिक्स वाला ने ऑनलाइन मोड में एजुकेशन देने के लिए सबसे बड़ी सफलता हासिल की है। और यह सफलता केवल कोचिंग को बड़ा करने में नहीं, बल्कि स्टूडेंट्स की सिलेक्शन देने और क्वालिटी एजुकेशन देने से आई है।
एक आम लड़का यूट्यूब पर अपने वीडियो बनाता था — वह एक दिन एक बिलियन डॉलर कंपनी खड़ी कर पाता है — तो यह अपने आप में क्रांति से कम नहीं है।
ऑनलाइन एजुकेशन के क्षेत्र में, खास करके इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी के लिए, फिजिक्स वाला ने एक बढ़िया मुकाम हासिल किया है।
यह कोचिंग अपने क्वालिटी एजुकेशन और बेहतरीन टीचर्स के लेक्चर्स को ऑनलाइन मोड में सबसे कम फीस में देने के लिए जानी जाती है, जिसे कोई भी बच्चा — चाहे गांव से आता हो या किसी शहर से, अमीर घर से हो या गरीब घर से — फीस को बड़े ही आराम से अफोर्ड कर सकता है।

दूसरी तरफ, अनअकैडमी और मोशन जैसे प्लेटफॉर्म भी आते हैं, जिसमें ऑनलाइन मोड में एजुकेशन मिलती है।
इसी के साथ में कई सारे और भी बड़े और छोटे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म हैं जो टीचर्स और एक्सपर्ट्स के द्वारा चलाए जाते हैं। वहां पर भी अच्छे और अफोर्डेबल प्राइस में एजुकेशन मिल जाती है।

ऐसे केस में स्टूडेंट को यूट्यूब वीडियो के द्वारा थोड़ा रिसर्च करना चाहिए, जिससे कि वह जान पाएंगे कि कौन से टीचर के साथ ज्यादा कंफर्टेबल फील कर रहे हैं और उनके कंटेंट ज्यादा हेल्पफुल दिख रहे हैं। वही कोचिंग ज्वाइन करना उनके लिए सबसे बेहतरीन रहेगा।

निष्कर्ष

नीट की तैयारी कैसे करें और कौन सी कोचिंग ज्वाइन करें? घर पर रहकर पढ़ाई करें या कोचिंग ज्वाइन करके पढ़ें? ऑनलाइन मोड में पढ़ें या ऑफलाइन मोड में? इन सभी की जानकारी ऊपर पोस्ट में पूरी डिटेल के साथ गहराई से दी गई है।

नीट की तैयारी करने के लिए सबसे जरूरी है — अपने आप को अनुशासित रखना। अच्छा कंटेंट पढ़ना, अच्छे टीचर्स के लेक्चर अटेंड करना और जिन टॉपिक या सब्जेक्ट पर कॉन्सेप्ट क्लियर नहीं हैं या सवाल हल नहीं हो पा रहे हैं, ऐसे टॉपिक को अपने टीचर्स से ज़रूर डिस्कस करना चाहिए।

यदि टीचर्स उपलब्ध नहीं हैं, तो यूट्यूब पर जाएं और अपने टॉपिक या सब्जेक्ट को वहां सर्च करें। वहां से संबंधित वीडियो लेक्चर देखें और उसका नोट्स बनाएं। ज्यादा बुक्स इस्तेमाल करने की कोशिश न करें। जितना ज्यादा स्टडी मैटेरियल होगा, उतना ही ज्यादा कंफ्यूजन होगा। इसलिए अपने स्टडी मैटेरियल को सीमित और प्रभावी रखें।

कम स्टडी मैटेरियल और बार-बार उसका रिवीजन करना ना भूलें। साथ ही अपने शॉर्ट नोट्स ज़रूर तैयार करें, जो परीक्षा के समय से पहले बार-बार रिवीजन करने में मदद करेंगे।

FAQs

NEET की तैयारी के लिए क्या-क्या पढ़ना पड़ता है?

फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी (कक्षा 11वीं–12वीं के NCERT बेस्ड सिलेबस)।

NEET की तैयारी में कितने साल लगते हैं?

आमतौर पर 1 से 2 साल की तैयारी पर्याप्त होती है।

NEET में पास होने के लिए कितने मार्क्स चाहिए?

जनरल कैटेगरी के लिए लगभग 137–145 मार्क्स (क्वालिफाइंग के लिए),

NEET की 1 साल की फीस कितनी होती है?

ऑफलाइन कोचिंग: ₹1-2.5 लाख | ऑनलाइन: ₹10,000–₹50,000

Brijesh K Yadav

Brijesh Kumar Yadav is an experienced teacher and content creator with over 10 years of professional experience. He is the founder of BestFunda.com, a platform dedicated to guiding students from 10th, 12th, and graduation levels. Brijesh provides valuable career advice through blogs, videos, and social media. As an entrepreneur and career coach, he is passionate about helping students make informed decisions and build successful futures.

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